मैथिली साहित्य

अप्पन गीत

♦ देवीकान्त मिश्र काग राम राम कहि जगबै मधुर भाससँ कोइली, साँझ आँचरतर मुस्कैत आबय मिथिलेमे हम देखली, भैया कोना बिसरलेँ…

हनुमानजीक भजन

♦ कालीकान्त झा ‘तृषित’ श्रीराम परमप्रियभक्त अहां, संकटमोचन बजरंगबली। छी रूद्र एकादश स्वयं अहां, भव भय मोचन बजरंगबली।। हे अष्टसिद्धि नव…

मैथिली गीत – भगबे लए मारि

♦ कालीकान्त झा ‘तृषित’ जरलै कीदन… तकर नहि चिन्ता, मारि करै छै भगबे लए। हेहरा पाछा गाछ जनमलै, नंगटे नाचए…

मैथिली कथा – फुलबाड़ी

♦ प्रदीप बिहारी कमल नयन मिश्र एखनो ओहने छथि। मोन पर बयसक प्रभाव एको रत्ती नहि पड़लनि अछि, मने। मुस्किआइत छथि…