हनुमानजीक भजन

Byदूधमती साप्ताहिक

२५ कार्तिक २०८०, शनिबार १६:१९ २५ कार्तिक २०८०, शनिबार १६:१९ २५ कार्तिक २०८०, शनिबार १६:१९
 कालीकान्त झा ‘तृषित’
श्रीराम परमप्रियभक्त अहां,
संकटमोचन बजरंगबली।
छी रूद्र एकादश स्वयं अहां,
भव भय मोचन बजरंगबली।।
हे अष्टसिद्धि नव निधि दाता,
विद्या दाता हे भय त्राता।
सज्जन जनके सब कष्ट हरथि,
कल्याण करथि बजरंगबली।।
हे दुख भंजन मारूतिनन्दन,
स्वीकार करू प्रभु पद बन्दन।
हे मंगलमूर्ति कृपा करू,
हे महावीर बजरंगबली।।
हे बाल समय रवि के भक्षक,
हे लखनलाल प्राणक रक्षक।
जग “तृषित” चरण गहि आर्त कहए,
सूनू त्राहि त्राहि बजरंगबबली।।
श्रीराम परमप्रिय भक्त अहां।
संकटमोचन बजरंगबली।।

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